Subscribe Us

header ads

" भगवन सत्य साईं बाबा की जय हो ! उंनका साम्राज्य कायम रहे !!" उर्फ "भगवन सत्य साईं बाबा स्वर्ग जायेंगे या नर्ग?"

एक सामाजिक चिन्तक ने यह सवाल उठाया था कि मरने के बाद भगवन सत्य साईं बाबा स्वर्ग जायेंगे या नर्ग? अब सवाल यह है कि .
१.) क्या भगवन जन्म और मृत्य से परे नहीं है? क्योकि वे तरह-तरह के रूप में जनमते रहते है.
२.) भगवन ही स्वर्ग और नर्ग दोनों का मालिक होता है, तो क्या उसे कही भी रहने कि आजादी नहीं है?
३.) स्वर्ग और नर्ग दोनों मनुष्यों के लिए बना है तो ऐसे में क्या स्वर्ग में भी रहने पर, एक ही निवास स्थान पर रहने के कारन भगवन को मनुष्यों के बराबर नहीं मन लिया जायगा?
४.) क्या इससे यह निष्कर्ष नहीं निकालता है कि भगवन जन्म-मृत्यु के सामान ही स्वर्ग और नर्ग दोनों से परे की चीज है?
५.) ....
६.) ....
७.) आज  भगवन सत्य साईं बाबा के अंतिम (?) दर्शन करने सेक्सी बाबा, बाबा नित्यानंद, जो खुद ही कृष्ण के अवतार है आये थे. 
७.१.) यहाँ एक सवाल यह है कि भगवान के अंतिम दर्शन कैसे हो सकता है वह तो आदि और अनंत है. सब जगह विराजमान है? मामल और भी संगीन तब हो जता है जब, एक भगवन भगवन सत्य साईं बाबा को (गलत तरीके से) मारा मन लिया जाता है, और दूसरा भगवन, भगवन सचिन तेंदुलकर भी उसे मारा मन लेता है, सेक्सी भगवन, भगवन नित्यानंद भी उसे मारा मन लेता है. यहाँ मेरा दिमाज चक्र जाता है कि भगवन वाद का टोटल कांसेप्ट कैसे गड़बड़ा गया है? 
७.२.) सेक्सी बाबा, बाबा नित्यानंद को दर्शन को आने का प्रयोजन का मामला कुछ गडबड है. गलत/सही समय पर मै एक गलत/सही सवाल उठाना चौंगा कि दोनों को एक दूसरे से इतना लगाओ क्यों था?
७.३.) सेक्सी बाबा, बाबा नित्यानंद ने सांसारिक मनुष्यों द्वारा सेक्सी आरोप लगाने पर कहा था, कि वो हम बाकियों कि तरह नहीं है. जिस वक्त  सांसारिक मनुष्यों ने सांसारिक यंत्रो से रिकार्डिंग कर रहे थे दरअसल वे उस समय इस संसार में थे ही नहीं. वे योग में थे जिसमे आत्मा शारीर  से निकल जाती है, सीर सपाटा कराती है दूसरे भगवानो से बात चित कराती है और भी तरह तरह कि हरकते जो मनुष्यों को शोभा नहीं देता जैसे ..... ब्रम्हा ने वेस बदल कर अपनी (ही) बेटी सरस्वती ...... या .... ने .. (माफ़ करे सरो कहानी लिखने पर फेसबुक क्रैश कर जायगे) 
७.४.) आपका सोचना सही है कि मैंने पॉइंट नंबर ७.३ क्यों लिखा? वो इसलिए कि  भगवन सत्य साईं बाबा ने कहा था कि यह सांसारिक सरीर को वे २०२२ में छोड कर किसी नए डीजयनार शारीर में प्रवेश ले लेंगे. अब इसी वक्त उन्होंने कुछ कार्यों को सम्पादित करने के लिए और दूसरे भगवन से संपर्क साध कर समस्या के समाधान के लिए योग क्रिया किया. अब सन्दर्भ के लिए याद कीजिये सेक्सी बाबा, बाबा नित्यानंद, उन्होंने क्या कहा था? उन्होंने कहा था "जिस वक्त  सांसारिक मनुष्यों ने सांसारिक यंत्रो से रिकार्डिंग कर रहे थे दरअसल वे उस समय इस संसार में थे ही नहीं. वे योग में थे जिसमे आत्मा शारीर से निकल जाती है, ...." यह सन्दर्भ इसलिए महत्वपूर्ण है क्योकि  भगवन सत्य साईं बाबा भी योग पर थे और वे अपने शारीर में नहीं थे. इस स्थिति को सांसारिक चिकित्सक समझ नहीं अप्ये और अपनी नादानी और अग्यानता के कारन मृत घोषित कर दिया. 
७.५.) हो सकता है नादान मनुष्य  पॉइंट नंबर ७.४. को नहीं समझ पा रहें हो. लेकिन बात बहुत (ही) सीम्पल है. (क) भगवन कभी झूठ नहीं बोलते तो बर्ष २०२२ कि भाविसवानी भी झूठा नहीं था. (ख) भगवन (ही) सबके भविष् रचईता है तो भक्तो के किस्मत वो २०२२ तक अपने इसी रूप में थे. या फिर क्या हम यह मन ले की भगवन (ही) सबके भविष्य नहीं रचाते है? (ग) वो उस वक्त योग पर थे और बाकि भगवन से वार्तालाप चल रही थी. क्योकि यह तो मन नहीं जा सकता कि भगवन आपस में वार्तालाप नहीं करते. है ना? 
८.) हम तो निरा मुर्ख है, अप ही बताइये कि क्या ऐसे में यह डिमांड नहीं उठता है कि जिस सांसारिक डॉक्टर मनुष्य ने  भगवन सत्य साईं बाबा को मृत घोषित कर के जो पाप किया है उसे ....... की सजा डी जाये?
९.)  हरि अनंत हरी कथा अनंता, हम अकेले स्टोरी कहा तक चलाये? आप भी कुछ कहिये ना. 
१०.) जो भी सांसारिक मनुष्य इसे पढ़ कर कोमेंट नहीं मारेगा, उसे  भगवन सत्य साईं बाबा, खुद ही अपने (ही) हाथो से सजा देंगे. 

 भगवन सत्य साईं बाबा की जय हो ! उंनका साम्राज्य कायम रहे !!

(हिंदी का हिज्जे-उज्जे गलती-सलती पर माफ़ करना या उसे मेरे जानकारी में लाना अनिवार्य है)

 भगवन सत्य साईं बाबा की जय हो ! उंनका साम्राज्य कायम रहे !!

पडने के बाद कामेन्ट मरना अनिवार्य है 

भगवन सत्य साईं बाबा की जय हो ! उंनका साम्राज्य कायम रहे !!

Post a Comment

0 Comments