यह कफी शर्म की बात है कि 09.04.2010 को JNU मे हुये कर्यक्रम को मारे जये जवानो के जशन कह कर प्रचरित किया जा रहा है। वह कार्यक्रम Operation Geen Hunt के खिलाफ था जिसके कारन नागरिक सिपाही और सिर्फ कुछ (राज/राष्टीय) "नेताओ" और पुन्जिपतिओ के लालच और अहम के कारन मारे जा रहे है । और सरकार इस बहाने अपनी निकम्मेपन भी छुपाना चाहती है।
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