Farmer who showing the path in this low
rain year. These days Chatra district of Jharkhand in news for
Saffron Agriculture and its drug product for cash. But this is
another way to earn white money.
राजेश बने
सूखा पीड़ित किसानों के
प्रेरणास्रोत
Uploaded at:- Aug 23, 01:41 am;
Retrieved on Aug 23, 2009
चतरा। एक
ओर जहां सूबे के किसान सुखाड़
का दंश झेल रहे हैं, बारिश
ने किसानों की कमर तोड़ दी है,
वहीं चतरा जिले के
सिमरिया प्रखंड के खपिया गांव
निवासी राजेश साहु ने बंजर
भूमि पर लाह की खेती कर एक
अनुकरणीय उदाहरण पेश किया
है, जिससे प्रेरणा
लेकर अन्य किसान भी लाह की
खेती को प्रेरित हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब पांच
दशक पूर्व चतरा में लाह की
खेती बडे़ पैमाने पर होती थी।
बल्कि यूं कहें कि यहां के
किसानों ने लाह को अर्थोपार्जन
का एक सशक्त माध्यम बना रखा
था, परंतु लाह के
बाजार मूल्य में आई गिरावट
के कारण किसानों का रुझान घटता
गया और धीरे-धीरे
इसका अस्तित्व भी समाप्त होता
चला गया। राजेश साहु ने लाह
की खेती कर जिले के किसानों
में एक बार फिर इसके प्रति
प्रेरित किया है। राजेश ने
गांव की ढाई एकड़ बंजर भूमि
में लाह की खेती कर समृद्धि
की राह अपनाई है। लाह से होने
वाली आमदनी को लेकर वह काफी
उत्साहित है।
राजेश
अपने बलबूते ढाई एकड़ भूमि
में कुसुम का पेड़ लगाया।
कुसुम का पेड़ कम पानी में लगाया
जाता है। कुसुम के इन पेड़ों
से लाह का उत्पादन शुरू हो गया
है। उसने बताया कि कुसुम के
इन पेड़ों के माध्यम से वह बीस
वषरें तक लाह का उत्पादन करेगा।
फिलहाल बाजार में लाह तीन सौ
रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
बगैर किसी सरकारी सहायता के
राजेश लाह का उत्पादन कर रहा
है।
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