अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रीट (केस) दायर किया है, कि उन्हें आरक्षण कानून से मुक्त रखा जाये. कल न्यायालय ने सम्बंधित विश्विद्यालय को नोटिश भी जारी किया है.
ये वही लोग हैं, जो धर्म के नाम पर छूट चाहते हैं, और आरक्षण नहीं देना चाहते.
इससे स्पस्ट है, सभी धर्मो में, ना सिर्फ धर्म के ठेकेदार बल्कि उससे लाभ भी सिर्फ उची जातियों को ही होता है.
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